Friday, April 25, 2014

मायावती की रैली के दिन ही दलितों के पिटने के मायने




ek;korh ckank egksck esa ns jgha Fkha Hkk"k.kA m/kj fiV jgs Fks nfyrA
मायावती ने 21 अप्रैल को महोबा और बांदा में अपनी चुनावी रैली की थी। उसी दिन वहां के डाकुओं के गिरोह के लोगों ने चित्रकूट के रामनगर ब्लाक के लौरी गांव के पुरवा हनुमानगंज में लाठी, पत्थरों और लात घूंसों से डाकुओं ने दलितों की जमकर पिटाई की। वैसे तो हर बार चुनाव होते हैं। दलित हर बार यहां पिटते हैं। डाकू हर बार चुनाव से पहले गांव में आते हैं। लोगों को धमकाते हैं। मारते पीटते हैं। यहां तक  कि हाथ पैर भी तोड़ देते हैं। इस बार भी गांव के स्थानीय निवासी खल्लु को इतना पीटा कि उसका हाथ टूट गया। वह सोनेपुर अस्पताल में भर्ती है। दूसरे एक निवासी भूप को भी पीटा। उसे चोटें तो गंभीर आईं हैं। लेकिन भर्ती नहीं है। दोनों ही दलित हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अ भी बलखड़िया गिरोह के कुछ लोग थोड़े दिन पहले आए थे। सपा में वोट डालने को कह रहे थे। तब भी इन लोगों ने तोड़फोड़ और मारपीट की थी। लेकिन अचानक पता नहीं क्या हुआ दोबारा गांव आए और कहने लगे वोट सपा को जाएगा। जब लोगों ने पूछा कि हर बार और अ भी कुछ दिन पहले ही तो आप ने सपा को वोट डालने के लिए कहा था। इस पर लोगों की जमकर पिटाई शुरू कर दी। गांव के लोगों का कहना है कि यह लोग सपा के ही समर्थक हैं।  दलित वोट परंपरागत रूप से बसपा का है। फिर बसपा इन्हें अपना प्रचार करने हमारे पास क्यों भेजेगी? बसपा को बदनाम करने की सपा की यह एक साजिश है। बलखड़िया गिरोह बांदा, चित्रत्रकूट में हमेशा आतंक फैलाता रहता है। यह लोग कुरमी बिरादरी के लोग हैं। ददुआ के बाद इन्होंने डाकुओं की कमान संभाली है। ददुआ के समय से ही इस क्षेत्र में डाकुओं का समर्थन सपा को मिलता रहा है।